Class 10th History chapter 3 हिंद चीन में राष्ट्रवादी आंदोलन
दक्षिण पूर्व एशिया में लगभग 3 लाख वर्ग किलोमीटर में फैले प्रायद्वीपीय क्षेत्र को हिंदचीन कहते है। जिसमें वियतनाम, लाओस और कंबोडिया के क्षेत्र आते है। प्राचीन काल से ही वियतनाम के तोंकिन एवं अन्नाम में हिंदचीन का प्रभाव था। लाओस और कंबोडिया पर भारतीय संस्कृति का प्रभाव था। चौथी शताब्दी में कंबुज का स्थापना हुआ था। 12वी शताब्दी में राजा सूर्यवर्मा द्वितीय ने अंकोरवाट के मंदिर का निर्माण करवाया था। इस क्षेत्र में कुछ देश पर चीन तथा कुछ देश पर हिन्दुस्तान की संस्कृति के प्रभाव के कारण ही इसे हिंद चीन के नाम से जाना जाता है। व्यापारिक कंपनियों का आगमन और फ्रांसीसी प्रभुत्व 1498 में भारत की खोज के पश्चात 1510 तक मलक्का को व्यापारिक केंद्र बनाकर हिंद चीन देशों के साथ व्यापार शुरू किया गया। 17वीं शताब्दी में बहुत से फ्रांसीसी व्यापारी पादरी हिंदचीन पहुंच गए। 1747 ई के बाद से ही फ्रांस अन्नाम में रुचि लेने लगा। 1787 ई में कोचीन चीन के शासक के साथ संधी का मौका मिला। इस तरह 20वीं शताब्दी के आरम्भ तक संपूर्ण हिंद चीन फ्रांस की अधीनता में आ...