Class 10th Economics chapter-3 मुद्रा बचत एवं साख

 मार्शल ने कहा है कि आधुनिक युग की प्रगति का श्रेय मुद्रा को ही है। 

ट्रेस्काट के अनुसार यदि मुद्रा हमारी अर्थव्यवस्था का हृदय नहीं है तो रक्त प्रवाह अवश्य है। 

मुद्रा का इतिहास 

मुद्रा को आधुनिक अर्थव्यवस्था की रीढ़ मानी जाती है। 

विनिमय के दो रूप है —

  1. वस्तु विनिमय प्रणाली 
  2. मौद्रिक विनिमय प्रणाली 
वस्तु विनिमय प्रणाली 

जब एक वस्तु के बदले दूसरे वस्तु का आदान प्रदान होता है तो उसे वस्तु विनिमय प्रणाली कहते है। 

जैसे - गेहूं से चावल बदलना, सब्जी से तेल बदलना, दूध से दही बदलना आदि। 

वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयां 

वस्तु विनिमय प्रणाली की निम्न कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था - 

  1. आवश्यकता के दोहरे संयोग का आभाव
  2. मूल्य के सामान्य मापक का आभाव
  3. मूल्य संचय का आभाव
  4. सह विभाजन का आभाव
  5. भविष्य के भुगतान की कठिनाई
  6. मूल्य हस्तांतरण की समस्या
मौद्रिक विनिमय प्रणाली 

जब किसी वस्तु के बदले में मुद्रा का आदान प्रदान किया जाता है तो उसे मौद्रिक विनिमय प्रणाली कहते हैं। 

वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयो को दूर करने के लिए मुद्रा का आविष्कार किया गया। 

विश्व की मुद्राएं



मुद्रा के कार्य

  1. विनिमय का माध्यम 
  2. मूल्य का मापक 
  3. विलंबित भुगतान का मान 
  4. मूल्य का संचय
  5. क्रय शक्ति का हस्तांतरण 
  6. साख का आधार
मुद्रा है क्या ?

  • प्रो• हार्टले विट्स के अनुसार मुद्रा वह है जो मुद्रा का कार्य करती है।
  • कोलबर्न के अनुसार मुद्रा वह है जो मूल्य का मापक और भुगतान का साधन है। 
  • नैप की अनुसार कोई भी वस्तु जो राज्य द्वारा मुद्रा घोषित की जाती है, मुद्रा कहलाती है। 
  • सेलिगमैन के अनुसार मुद्रा वह वस्तु है जिसे सामान्य स्वीकृति प्राप्त है। 
मुद्रा का विकास 

  1. वस्तु विनिमय - इसमें वस्तु का लें देन होता है। 
  2. वस्तु मुद्रा - किसी एक वस्तु को मुद्रा चुन लिया जाता था। 
  3. धात्विक मुद्रा - धातुओं से बने हुए मुद्रा को धात्विक मुद्रा कहते हैं। 
  4. सिक्के - सोने चांदी आदि से बना वह वस्तु जो देश की सार्वभौम सरकार की मुहर से चलित होता है उसे सिक्का कहते है। 
  5. पत्र मुद्रा - देश की सरकार तथा देश के केंद्रीय बैंक के द्वारा जो कागज का नोट प्रचलित किया जाता है, उसे पत्र मुद्रा कहते है।  भारत में एक रुपया के कागजी नोट अथवा सभी सिक्के केंद्र सरकार के वित्त विभाग के द्वारा चलाया जाता है। दो रुपए या इससे अधिक के सभी कागजी नोट देश के केंद्रीय बैंक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के द्वारा चलाया जाता है।      
  6. साख मुद्रा - आधुनिक समय में चेक हुंडी आदि साख पत्र मुद्रा का कार्य करती है। 
  7. प्लास्टिक मुद्रा - ATM सह debit कार्ड आदि को प्लास्टिक मुद्रा कहा जाता है।

प्लास्टिक मुद्रा 

ATM सह Debit कार्ड

आर्थिक विकास के इस दौर में बैंकिंग संस्थाओं के द्वारा प्लास्टिक के टुकड़े को भी मुद्रा के रूप में उपयोग किया जाने लगा है। प्लास्टिक मुद्रा का एक रूप ATM है। 

ATM - Automatic Teller machine 

यह मशीन 24 घंटे रुपए निकलने तथा जमा करने का सेवा प्रदान करता है। 

क्रेडिट कार्ड - क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत ग्राहक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए बैंक उसकी साख की एक राशि निर्धारित कर देती है जिसके अंतर्गत वह अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निर्धारित धनराशि के अंदर वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकता है। 


मुद्रा से लाभ

  1. मुद्रा से उपभोक्ता को लाभ - मुद्रा से उपभोक्ता अपनी इच्छानुसार वस्तु खरीद सकता है। 
  2. मुद्रा से उत्पादक को लाभ - मुद्रा की सहायता से उत्पादक को कच्चे माल को खरीदने तथा संचित रखने में सहायता मिलती है। 
  3. मुद्रा और साख - आधुनिक व्यवसाय का सारा ढांचा साख पर आधारित है। इस प्रकार मुद्रा साख का आधार है। 
  4. वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयो का निराकरण- मुद्रा के आविष्कार से वस्तु विनिमय प्रणाली की सारी कठिनाइयां दूर हो गई। 
  5. मुद्रा और पूंजी की तरलता - मुद्रा ने पूंजी की तरलता प्रदान की है क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति इसे स्वीकार कर लेता है। 
  6. मुद्रा और पूंजी की गतिशीलता - मुद्रा के आविष्कार से पूंजी की गतिशीलता में वृद्धि हुई है। 
  7. मुद्रा और पूंजी का निर्माण - मुद्रा तरल संपति है इसे बैंक में जमाकर सुरक्षित रखा जा सकता है। 
  8. मुद्रा और बड़े पैमाने के उद्योग - मुद्रा के होने से ही आज बड़े बड़े उद्योग स्थापित हो सके है। 
  9. मुद्रा और आर्थिक प्रगति- मुद्रा किसी देश की आर्थिक प्रगति का सूचक है।
  10. मुद्रा और सामाजिक कल्याण- मुद्रा किसी देश की राष्ट्रीय आय तथा प्रतिव्यक्ति आय की माप होती है।  मुद्रा एक अच्छा सेवक है। 

बचत क्या है? 

आय तथा उपभोग के अंतर को बचत कहा जाता है। 

बचत दो प्रकार का होता है। 

  1. नगद बचत
  2. वस्तु संचय
साख क्या है? 

साख का अर्थ है विश्वास या भरोसा। 

जिस व्यक्ति पर जितना अधिक विश्वास या भरोसा किया जाता है उसकी साख उतनी अधिक होती है। 

साख के दो पक्ष होते है - 

  1. ऋणदाता- ऋण देने वाला
  2. ऋणी - ऋण लेने वाला

साख का आधार 

साख का आधार निम्न है- 

  1. विश्वास
  2. चरित्र 
  3. चुकाने की क्षमता
  4. पूंजी एवं संपति
  5. ऋण की अवधि

साख पत्र 

साख पत्र कई प्रकार के होते है - 

चेक - चेक सबसे अधिक प्रचलित साख पत्र है। 

बैंक ड्राफ्ट - बैंक ड्राफ्ट वह पत्र है जो एक बैंक अपने किसी शाखा यानी किसी बैंक को आदेश देता है कि उस पत्र में लिखी हुई रकम उसमें अंकित व्यक्ति को से दी जाए। 

यात्री चेक - यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री चेक बैंको द्वारा जारी की जाती है। 

प्रतिज्ञा पत्र - इस पत्र में ऋणी की मांग पर या एक निश्चित अवधि के बाद उसमें अंकित रकम ब्याज सहित देने का वादा किया जाता है। 


वस्तुनिष्ठ प्रश्न 

रिक्त स्थानों की पूर्ति करे। 

  1.  आधुनिक युग की प्रगति का श्रेय मुद्रा को है।
  2. मुद्रा हमारी अर्थव्यवस्था की जीवन शक्ति है। 
  3. मुद्रा के विकास का इतिहास मानव सभ्यता के विकास का इतिहास है। 
  4. एक वस्तु के बदले में दूसरी वस्तु के आदान प्रदान को वस्तु विनिमय प्रणाली कहा जाता है। 
  5. मुद्रा का आविष्कार मनुष्य की सबसे बड़ी उपलब्धि है। 
  6. मुद्रा विनिमय का माध्यम है। 
  7. प्लास्टिक मुद्रा के चलते विनिमय का कार्य सरल हो गया है। 
  8. मुद्रा एक अच्छा सेवक है। 
  9. आय तथा उपभोग का अंतर बचत कहलाता है। 
  10. साख का मुख्य आधार विश्वास है। 
लघु उत्तरीय प्रश्न 

1. वस्तु विनिमय क्या है?

उत्तर - जब एक वस्तु के बदले दूसरे वस्तु का आदान प्रदान होता है तो उसे वस्तु विनिमय प्रणाली कहते है। 

जैसे - गेहूं से चावल बदलना, सब्जी से तेल बदलना, दूध से दही बदलना आदि। 

2. मौद्रिक प्रणाली क्या है?

उत्तर - जब किसी वस्तु के बदले में मुद्रा का आदान प्रदान किया जाता है तो उसे मौद्रिक विनिमय प्रणाली कहते हैं। 

3. मुद्रा की परिभाषा दे। 

उत्तर - कोई भी वस्तु जो राज्य द्वारा मुद्रा घोषित की जाती है, मुद्रा कहलाती है।

4. ATM क्या है?

उत्तर - Automatic Teller machine 

ATM मशीन 24 घंटे रुपए निकलने तथा जमा करने का सेवा प्रदान करता है।

5. Credit card क्या है? 

उत्तर - क्रेडिट कार्ड के अंतर्गत ग्राहक की वित्तीय स्थिति को देखते हुए बैंक उसकी साख की एक राशि निर्धारित कर देती है जिसके अंतर्गत वह अपने क्रेडिट कार्ड के माध्यम से निर्धारित धनराशि के अंदर वस्तुओं और सेवाओं को खरीद सकता है। 

6. बचत क्या है?

उत्तर - आय तथा उपभोग के अंतर को बचत कहा जाता है। 

7. साख क्या है? 

उत्तर - किसी व्यक्ति पर विश्वास या भरोसा होना ही साख कहलाता है। 


दीर्घ उत्तरीय प्रश्न 


1. वस्तु विनिमय प्रणाली की कठिनाइयो पर प्रकाश डाले। 

उत्तर - वस्तु विनिमय प्रणाली की निम्न कठिनाइया निम्न है-

1. आवश्यकता के दोहरे संयोग का आभाव - जरूरत की एक भी वस्तु मेल नहीं खाती थी। 

2. मूल्य के सामान्य मापक का आभाव - मूल्य का कोई निश्चित मापक नहीं था। 

3. मूल्य संचय का आभाव - यह वस्तु शीघ्र नष्ट हो जाती थी। 

4. सह विभाजन का आभाव -  वैसी वस्तु जिन्हें बांटना संभव नहीं हो। 

5. भविष्य के भुगतान की कठिनाई - उधार लेने वाले का फायदा तथा देने वाले को नुकसान। 

6. मूल्य हस्तांतरण की समस्या - संपत्ति बेचकर दूसरे जगह जाने में कठिनाई। 

2. मुद्रा के कार्यों पर प्रकाश डाले। 

उत्तर - मुद्रा  के कार्य निम्न है- 

1.विनिमय का माध्यम  - क्रय और विक्रय में मुद्रा मध्यस्थ का कार्य करती है। 

2.मूल्य का मापक  - मुद्रा द्वारा वस्तुओं का मूल्यांकन करना सरल हो गया। 

3.विलंबित भुगतान का मान  - मुद्रा द्वारा विलंबित या ऋण का भुगतान करने में सुविधा होती है। 

4.मूल्य का संचय - इसके संचय में कठिनाई नहीं होती है। 

5.क्रय शक्ति का हस्तांतरण - संपत्ति बेचकर नई संपति लेने में सुविधा। 

6.साख का आधार - मुद्रा के कारण साख पत्रों का उपयोग किया जाता है। 

3. मुद्रा के आर्थिक महत्व पर प्रकाश डाले।  

उत्तर - आधुनिक आर्थिक व्यवस्था में मुद्रा का काफी महत्व है यदि मुद्रा को वर्तमान समाज से हटा दिया जाए तो हमारी सारी आर्थिक व्यवस्था अस्त व्यस्त हो जाएगी। वर्तमान समय में किसी भी देश की अर्थव्यवस्था मुद्रा पर आधारित है। इसलिए प्रसिद्ध अर्थशास्त्री ट्रेस्काट ने कहा है कि यदि मुद्रा हमारी अर्थव्यवस्था का हृदय नहीं है तो रक्त प्रवाह अवश्य है। 

4. मुद्रा के विकास पर प्रकाश डाले। 

उत्तर - मुद्रा का विकास निम्न प्रकार से हुआ है। 

वस्तु विनिमय - इसमें वस्तु का लें देन होता है। 

वस्तु मुद्रा - किसी एक वस्तु को मुद्रा चुन लिया जाता था। 

धात्विक मुद्रा - धातुओं से बने हुए मुद्रा को धात्विक मुद्रा कहते हैं। 

सिक्के - सोने चांदी आदि से बना वह वस्तु जो देश की सार्वभौम सरकार की मुहर से चलित होता है उसे सिक्का कहते है। 

पत्र मुद्रा - देश की सरकार तथा देश के केंद्रीय बैंक के द्वारा जो कागज का नोट प्रचलित किया जाता है, उसे पत्र मुद्रा कहते है।

साख मुद्रा - आधुनिक समय में चेक हुंडी आदि साख पत्र मुद्रा का कार्य करती है। 

प्लास्टिक मुद्रा - ATM सह debit कार्ड आदि को प्लास्टिक मुद्रा कहा जाता है।

5. साख पत्र क्या है? कुछ प्रमुख साख पत्रों पर प्रकाश डाले। 

उत्तर - किसी व्यक्ति पर विश्वास या भरोसा होना ही साख कहलाता है। 

साख पत्र कई प्रकार के होते है - 

चेक - चेक सबसे अधिक प्रचलित साख पत्र है। 

बैंक ड्राफ्ट - बैंक ड्राफ्ट वह पत्र है जो एक बैंक अपने किसी शाखा यानी किसी बैंक को आदेश देता है कि उस पत्र में लिखी हुई रकम उसमें अंकित व्यक्ति को से दी जाए। 

यात्री चेक - यात्रियों की सुविधा के लिए यात्री चेक बैंको द्वारा जारी की जाती है। 

प्रतिज्ञा पत्र - इस पत्र में ऋणी की मांग पर या एक निश्चित अवधि के बाद उसमें अंकित रकम ब्याज सहित देने का वादा किया जाता है। 


By~Shashank Kumar Prajapati 

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